नाम : आचार्य शीलक राम
शैक्षिक योग्यता : स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र, हिंदी, संस्कृत) एम.फिल.(दर्शनशास्त्र), पीएच.डी.
⦁ U.G.C. NET(दर्शनशास्त्र) : 1996
⦁ U.G.C. NET (जैन, बौद्ध, गांधी व शांति अध्ययन) : 2011
⦁ U.G.C. NET (दर्शनशास्त्र) : 2012
⦁ U.G.C. NET (तुलनात्मक धर्म-अध्ययन) : 2012
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत।
प्रकाशित पुस्तकें
(1) ब्रह्मज्ञानी कौन? पं. लखमीचंद, दादा बस्ती राम या बाजेभगत
(2) पं. लखमीचंद के सांगो का दार्शनिक विवेचन (दर्शन)
(3) आख्यां देखी (हरियाणवी नाटक)
(4) भगवान क…
नाम : आचार्य शीलक राम
शैक्षिक योग्यता : स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र, हिंदी, संस्कृत) एम.फिल.(दर्शनशास्त्र), पीएच.डी.
⦁ U.G.C. NET(दर्शनशास्त्र) : 1996
⦁ U.G.C. NET (जैन, बौद्ध, गांधी व शांति अध्ययन) : 2011
⦁ U.G.C. NET (दर्शनशास्त्र) : 2012
⦁ U.G.C. NET (तुलनात्मक धर्म-अध्ययन) : 2012
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत।
प्रकाशित पुस्तकें
(1) ब्रह्मज्ञानी कौन? पं. लखमीचंद, दादा बस्ती राम या बाजेभगत
(2) पं. लखमीचंद के सांगो का दार्शनिक विवेचन (दर्शन)
(3) आख्यां देखी (हरियाणवी नाटक)
(4) भगवान का गीत (हरियाणवी गीता) (हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत)
(5) अमृतकलश - धनपत सिंह निंदाणा (ग्रंथावली)
(6) लूट सके तो लूट (सार्वभौम दर्शन)
(7) हरियाणवी लोकसाहित्य में दर्शन की अवधारणा:पं. लखमीचंद व बाजे भगत के संदर्भ में
(8) राष्ट्रनायक : हमारा हरियाणा, विकसित हरियाणा (महाकाव्य)
(9) ढाई आखर प्रेम का (हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत)
(10) मुक्तिदाता चौधरी छोटूराम
(11) प्रेम की झील में विश्वासघात के कांटे(प्रेम का दर्शन)
(12) प्रेम-सरोवर (प्रेम का दर्शन)
(13) प्रेम-पूजा(प्रेम का दर्शन)
(14) प्रेम से प्रेम तक (प्रेम का दर्शन)
(15) प्रेम की पाती (प्रेम का दर्शन)
(16) दर्शन-ज्योति (दार्शनिक शोध-लेख संग्रह)
(17) माता-पिता का आतंक (काव्य संग्रह)
(18) समकालीन दार्शनिक जे. कृष्णमूर्ति के दर्शन में ध्यान की अवधारणा का समीक्षात्मक अध्ययन
(19) ओशो महाकाव्य
(20 हरियाणवी लोककाव्य में दर्शन की अवधारणा (दार्शनिक शोध-लेख संग्रह)
(21) सनातन भारतीय योग-साधना एवं इसकी विभिन्न ध्यान विधियां
(22) भारतीय दर्शन की सनातन परंपरा
(23) भारतीय-दर्शन के विविध आयाम
(24) भारतीय-दर्शन एवं हरियाणवी लोक जीवन
(25) व्यावहारिक दर्शनशास्त्र
(26) आज का दर्शनशास्त्र
(27) जागो भारत (Philosophy of Nation)
(28) वैदिक प्रार्थना
(29) भगवान बुद्ध का आर्य वैदिक सनातन हिन्दू दर्शन
(30) विश्वगुरु भारत
(31) दर्शनशास्त्र
(32) आर्य हिन्दुत्व
(33) अथातो भारतीय दर्शन शास्त्र जिज्ञासा
(34) प्रेम राक्षसी
(35) अधखिले कमल (हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत)
(36) भगवान बुद्ध एवं बौद्ध दर्शन
(37) पन्डित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन एवं जीवन दर्शन
(38) प्रेम पाखंड
(39) जागो हिन्दू
(40) हरियाणवी लोक-कवि पंडित लखमीचन्द का "समाज दर्शन"
(तथ्य भ्रम एवं समाधान)
(41) हरियाणवी योगसूत्र
(42) भाजपा के गांधी पंडित दीनदयाल उपाध्याय (भाग-एक)
(43) भाजपा के गांधी पंडित दीनदयाल उपाध्याय (भाग-दो)
(44) एक वैज्ञानिक संत स्वामी विवेकानंद
(45) हरियाणवी लोक-कवि पंडित लखमीचन्द का दार्शनिक अध्ययन
(तथ्य भ्रम एवं समाधान)
(46) ओशो ब्रह्मसरोवर (भाग-एक)
(47) जीवन-दर्शन एवं संस्कृति
काव्य, आलोचना, दर्शन एवं योग में लेखक की गति विस्मकारी है। सनातन भारतीय आर्य हिन्दू वैदिक संस्कृति, योग, दर्शन, जीवन-मूल्यों तथा राष्ट्र भाषा के प्रति लेखक की असीम श्रद्धा है तथा इनके प्रचार-प्रसार हेतु ये सतत कार्यरत हैं। इसके साथ लेखक दस अंतरराष्ट्रीय रैफ़रीड रिसर्च जर्नल के संपादक भी हैं। विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में लेखक के सौ से ज्यादा शोध-पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। राष्ट्रीय दैनिक समाचार-पत्रों में भी लेखक के तीन सौ के लगभग लेख प्रकाशित हो चुके हैं। लेखक हरियाणवी भाषा के भी प्रसिद्ध कवि, लेखक एवं आलोचक हैं। इस समय लेखक अध्यापन के साथ-साथ आचार्य अकादमी चुलियाणा, रोहतक (हरियाणा) के अध्यक्ष हैं तथा योग अभ्यास करवाने के लिए वैदिक योगशाला कुरुक्षेत्र का संचालन भी करते हैं।